मदन पांचाल
गाजियाबाद :- सैलरी दस हजार और प्रॉपर्टी पचास करोड़ की। स्कूटर पर चलने वाले बाबू का मकान राजनगर जैसे पॉश इलाके में और बच्चे गाड़ियों से स्कूल जाते है। इतना ही नहीं किसी की दो तो किसी की तीन मार्किट भी है। फार्महाउस और मेरिज होम के मालिक बने।
अराजपत्रित लोक सेवकों का हाल यह है कि रोज कृषि की जमीनों के बैनामे करवा रहे है। ऐसे ही भ्रष्ट एवं आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने वाले अराजपत्रित लोक सेवकों की अब खैर नहीं है। प्रदेश की योगी सरकार ने राजकीय सेवाओं में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने को प्राथमिकता प्रदान कर दी है। इतना ही नहीं पहली बार सरकार के आदेश पर डीजीपी ओ पी सिंह द्वारा कड़ा फरमान जारी किया गया है। इसके तहत अब संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों एवं एसएसपी को खुद ऐसे भ्रष्ट लोक सेवकों को ट्रैप कराने के लिए खास कैम्पों का आयोजन कराना होगा। इसी कड़ी में किसी भी विभाग का विभागाध्यक्ष अपने अधीनस्थ अराजपत्रित लोक सेवका की पूरी कुंडली बनाकर भ्रष्टाचार निवारण संगठन को प्रेषित कर सकता है। सरकार ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन को निर्धारित नियमों के अनुरूप भ्रष्टाचार में लिप्त राजकीय सेवकों को ट्रैप करने के लिए अधिकृत कर दिया है। अब संगठन की टीमें सिविल ड्रेस में पूरे सूबे में घूमेंगी। अब तक लिखित शिकायतों पर ही जांच-पडताल एवं अनुमति के बाद ही ट्रैप किया जाता था। पता चला है कि मेरठ जोन के दो सबसे खास जिलों गाजियाबाद एवं गौतमुबुद्धनगर पर संगठन की इन टीमों की खास निगाह है।
यहां भी नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, नगर निगम, आवास विकास परिषद, यूपीपीसीएल और वाणिज्य कर विभाग में पोस्ट भ्रष्ट एवं आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने वाले लोक सेवकों पर फोकस किया जाएगा। पता चला है कि लोकसभा चुनाव से पहले मेरठ जोन में ऐसे पांच लोगों पर शिकंजा कस सकता है। इन लोक सेवकों के दोस्त,रिश्तेदार और सहयोगियों को भी चिन्हित किया जा रहा है। इनकी किसी भी बिजनेस में चल रही पार्टनरशिप की डिटेल भी बनाई जा रही है।
डीजीपी की ओर से जारी आदेश में गाजियाबाद की डीएम और एसएसपी से ट्रैप आयोजन में सहयोग मांगा है। साथ ही पत्र में नाराजगी का भी इजहार किया है कि अफसर अपने अधीनस्थों को बचाने की कवायद के चलते ट्रैप में सहयोग नहीं करते है। इस बार सहयोग न करने वाले अफसरों की सूची मुख्यमंत्री को प्रेषित कर दी जाएगी।
ट्रैप अभियान से जुड़ी खास-खास बातें
- भ्रष्टाचार निवारण संगठन की स्थापना 18 अप्रैल 1977 को की गई थी।
- तीन साल में 144 रिश्वतखोरों को सुसंगत धाराओं में केस दर्ज कर जेल भेजा गया है।
- यूपी में 2016 में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों कुल 30 लोक सेवकों को पकड़ा।
- संगठन की टीमों ने साल 2017 में अभियान तेज करते हुए 53 सेवकों को पकड़ा।
- इस साल में अब तक 61 को रंगे हाथों ट्रैप किया गया है।
- अधिकांश विभागों में अफसरों के लिए भी नजराना बटोरने का काम निचले स्तर से ही होता है।
- अकेले जीडीए में आॅन रिकॉर्ड 125 लोक सेवक दागी है। कई को जेल भी भेजा जा चुका है।